Friday, 8 January 2016

मेरी किस्मत में तू नहीं शायद



मेरी किस्मत में तू नहीं शायद, क्यों तेरा इंतजार करता हूँ 
मैं तुझे कल भी प्यार करता था, मैं तुझे अब भी प्यार करता हूँ 
आज समझी हूँ प्यार को शायद, आज मैं तुझ को प्यार करती हूँ 
कल मेरा इंतजार था तुझ को, आज मैं इंतजार करती हूँ


सोचता हूँ के मेरी आँखों ने क्यो सजाये थे प्यार के सपने
तुझ से माँगी थी एक खुशी मैने, तू ने गम भी नहीं दिये अपने
जिंदगी बोझ बन गयी अब तो, अब तो जीता हूँ और ना मरता हूँ 
मैं तुझे कल भी प्यार करता था, मैं तुझे अब भी प्यार करता हूँ

अब ना टूटे ये प्यार के रिश्ते, अब ये रिश्ते संभालने होंगे
मेरी राहों से तुझ को कल की तरह, दुःख के काँटे निकालने होंगे
मिल ना जाये खुशी के रस्ते में, गम की परछाईयों से डरती हूँ
कल मेरा इंतजार था तुझ को, आज मैं इंतजार करती हूँ

दिल नहीं इख्तियार में मेरे, जान जायेगी प्यार में तेरे
तुझ से मिलने की आस है आ जा, मेरी दुनिया उदास है आ जा
प्यार शायद इसी को कहते है, हर घड़ी बेकरार रहता हूँ 
रात दिन तेरी याद आती है, रात दिन इंतजार करती हूँ

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